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गोंडा जिला - पूरा इतिहास, जलवायु, मुख्य फसलें, राजनीति, प्रसिद्ध हस्तियाँ, पर्यटन स्थल और जनसँख्या - UP Exam Guru

गोंडा जिला - पूरा इतिहास, जलवायु, मुख्य फसलें, राजनीति, प्रसिद्ध हस्तियाँ, पर्यटन स्थल और जनसँख्या - UP Exam Guru

गोंडा जिला - पूरा इतिहास, जलवायु, मुख्य फसलें, राजनीति, प्रसिद्ध हस्तियाँ, पर्यटन स्थल और जनसँख्या - UP Exam Guru


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गोंडा जिला का नाम कैसे पड़ा गोण्डा

अयोध्या के चक्रवर्ती राजा दशरथ थे, राजा दशरथ की गये इस वन में चरा करती थी और इस जगह का नाम गों-नार्द पड़ा तो कुछ दिन बाद गोंढ़ा के नाम से जाना जाने लगा तथा गोंडा के कुछ ग्रामीणों द्वारा आज भी गोंढ़ा बोला जाता है यह क्षेत्र चारों ओर वनों से घिरा हुआ था तथा श्रापित राजा दिलीप को नंदिनी की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ था व वशिष्ठ का आश्रम भी इसी क्षेत्र में मौजूद था, यह क्षेत्र अयोध्या के निकट होने के कारण ऋषि मुनि तपोस्थली रहा है। गोंडा जिला उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में घाघरा नदी और सरयू के बीचो-बीच में स्थित है। देवीपाटन मंडल का मुख्यालय भी गोंडा में है।


गोंडा जिला के पड़ोसी जिले

गोंडा जिले के पूर्व सीमा पर बस्ती जिला है, पश्चिम में बहराइच, उत्तर में बलरामपुर व दक्षिण में अयोध्या और बाराबंकी स्थित है, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से गोंडा की दूरी लगभग 116 किलोमीटर है व भारत की राजधानी नई दिल्ली से गोंडा जिला की दूरी लगभग 668 किलोमीटर पर स्थित है।
 

गोंडा जिला का क्षेत्रफल व जनसंख्या

गोंडा का क्षेत्रफल 4003 वर्ग किलोमीटर है। गोंडा में जनसंख्या लगभग 34 लाख 33919, (2011) जनगणना के अनुसार है, जिसमे पुरुषों की जनसंख्या 1787146 और महिलाओं की जनसंख्या 1686773
 

गोंडा जिला की तहसीलें, ब्लॉक व पंचायतें

गोंडा जिला में चार तहसील है, वे इस तरह से हैं : गोंडा सदर, करनैलगंज, तरबगंज और मनकापुर।
गोंडा जिला में 16 ब्लॉक है, वे इस तरह से हैं : बभन जोत, बेलसर, छपिया, करनैलगंज, हालधरमऊ, कटरा बाजार, इटियाथोक, झंझरी, मनकापुर, मुजेहना, नवाबगंज, पंडरी कृपाल, परसपुर, रूपईडी, तरबगंज व वजीरगंज ब्लाक हैं।
गोंडा जिला में ग्राम पंचायत की संख्या 1054 है
गोंडा में न्याय पंचायत की संख्या 166 है
गोंडा जिला में प्राथमिक विद्यालय की संख्या 2396 है
वही गोंडा जिला में उच्च माध्यमिक विद्यालय की संख्या 221 है
गोंडा जिला में उप प्राथमिक विद्यालय 1066 है

 

गोंडा जिला की विधानसभा व लोकसभा सीटें

गोंडा में सात विधानसभा सीट हैं, वे इस तरह से हैं : गोंडा सदर, कटरा बाजार, करनैलगंज, तरबगंज, मनकापुर,  मैहनोन और गौरा विधानसभा सीट है।
एक गोंडा लोकसभा सीट है तथा दूसरी सीट कैसरगंज लोकसभा कैसरगंज और पयागपुर बहराइच की दो विधानसभा सीट और कटरा बाजार कर्नलगंज तरबगंज तीन विधानसभा सीट गोंडा की मिलकर कैसरगंज लोकसभा का निर्माण किया गया था।
जिला में नगर पालिका परिषद तीन है: करनैलगंज, खरगूपुर और गोंडा।

गोंडा जिला के थाना व पुलिस चौकी

गोंडा जिला में 17 थाना है, वे इस तरह से हैं: उमरी बेगमगंज, धानेपुर, इटियाथोक, कटरा बाजार, करनैलगंज, कौड़िया बाजार, खरगूपुर, खोदारे, कोतवाली नगर, कोतवाली देहात, मनकापुर, मोतीगंज, नवाबगंज, स्वामी नारायण छपिया, तरबगंज, परसपुर व वजीरगंज।

गोंडा जिला की मुख्य फसलें

गोंडा जिले में प्रमुख फसलें हैं गेहूं, मक्का, धान, गाना व सब्जियों आदि की फसलें किसानों के द्वारा अधिक मात्रा में उगाई जाती है। उत्तर प्रदेश का गोंडा जिला सबसे उपजाऊ जिलों में से माना जाता है। गोंडा में खनिज में बालू की चट्टान कई जगहों पर देखा जा देखने को मिलता है

गोंडा जिला के लोकगीत

गोंडा में आल्हा, कजरी और फाग आदि लोकगीत है, और नाच-नौटंकी, सफेड़ा यहां का लोक नृत्य है।

गोंडा जिला के मुख्य उद्योग

गोंडा जिला का प्रमुख उद्योग चीनी मिल है, और मिट्टी के बर्तन एवं सूती दरी, शिल्प कला आदि मशहूर है।

गोंडा जिलें की मुख्य नदियां

गोंडा में मुख्यत तीन नदियां बहती हैं: घाघरा, सरयू और टेढ़ी आदि नदियां बहती हैं।

गोंडा जिलें के मुख्य पर्यटन स्थल

गोंडा जिले में प्रसिद्ध स्थल पृथ्वी नाथ मंदिर, श्री स्वामी नारायण मंदिर छपिया, दुक्खरन नाथ मंदिर, बाबा बरखंडी नाथ मंदिर, बरबटपुर धाम, बाला जी मंदिर सोनवारा, बाबा बटौरा व औरंगाबाद पश्चिम विहार गोंडा।
 

गोंडा जिलें के प्रसिद्ध हस्तियां

गोंडा जिला के प्रसिद्ध हस्तियों के बारे में हम बात करें तो, गोंडा जिला के राजापुर शुकर खेत में गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म स्थान माना जाता है। भक्ति काल की सबसे महान ग्रंथ "रामचरितमानस" का रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने किया था, इनके पिता का नाम आत्माराम दुबे था।

महाऋषि पतंजलि एक महान चिकित्सक थे, इसके अलावा वह रसायन विद्या के विशिष्ट आचार्य थे। महर्षि पतंजलि एक महान नर्तक भी थे, गोंडा के वजीरगंज विकासखंड के कोदरा गांव में महाशिव पतंजलि का जन्म माना जाता है। 

स्वामीनारायण को "सहजानंद स्वामी" के नाम से जाना जाता था, वह सनातन धर्म के "स्वामीनारायण संप्रदाय" के संस्थापक थे, शिक्षाभक्त, चिंतामणि आदि उनके प्रमुख रचनाएं भी हैं। इनका जन्म 3 अप्रैल 1781 को गोंडा जिले के छपिया ग्राम में माना जाता है। 

 

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महाऋषि पतंजलि

अदम गोंडवी एक सुप्रसिद्ध कवि थे, उनका असली नाम रामनाथ सिंह था । अदम गोंडवी का जन्म गोंडा जिले के आटा परसपुर में उनका जन्म हुआ था, 1998 में उनको मध्य प्रदेश सरकार ने दुष्यंत कुमार पुरस्कार से सम्मानित किया था। और 19वीं सदी में अवधि में योगदान के लिए मिट्टी रतन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

असग़र गोंडवी उर्दू के बड़े शायर में से एक थे, असग़र गोंडवी का पूरा नाम असग़र गोंडवी हुसैन असगर था। उनके कवि संग्रह बहुत ही मशहूर है।

विजय यादव पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच (1992 से 1994 तक) 19 एकदिवसीय मैच खेले और भारत के लिए एक टेस्ट क्रिकेट मैच भी खेल था। विजय यादव 1990 में रणजी ट्रॉफी वाली हरियाणा टीम के सदस्य भी रहे। विजय यादव की पहचान एक आक्रमक बैट्समैन के रूप में होती थी।

बृजभूषण शरण सिंह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता वह अब तक छह बार सांसद निर्वाचित हो चुके हैं वर्तमान में उनके बेटा करण भूषण शरण सिंह कैसरगंज लोकसभा से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे हैं। बृजभूषण का जन्म गोंडा जिले के बिसनेवाहरपुर में हुआ था।

विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह गोंडा के नवाबगंज बल्लीपुर के रहने वाले पंडित सिंह समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता थे, पंडित सिंह ने सियासत सफर की शुरुआत 1995 से किया, और 1996 में गोंडा सदर सीट से विधायक बने, इसके बाद 2002 में एक बार फिर से विधायक बने और 2003 में मुलायम सिंह की सरकार में "चिकित्सा और शिक्षा" के राज्य मंत्री बनाए गए।

देवी बक्श सिंह राजा होने के साथ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। स्वतंत्रा की लड़ाई में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था।

 

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राजा देवी बक्श सिंह

 

बहराइच जिला का पूरा इतिहास व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

 

कीर्तिवर्धन सिंह एक राजनैतिज्ञ हैं, वर्तमान में गोंडा से सांसद हैं। मनिकापुर तत्कालीन जागीर से जुड़े होने के कारण उनको राजा भैया के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा 12वीं और 14वीं लोकसभा में भी सदस्य रह चुके हैं।

राजकुमार आर पांडे एक फिल्म डायरेक्टर प्रोड्यूसर एवं संगीतकार के साथ-साथ मुख्यत भोजपुरी फिल्म में काम करते हैं। इसके अलावा वह इंडियन फिल्म और रेडियो टेलीविजन संगठन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट भी हैं, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर सहायक निदेशक फिल्म "सलामी" से की थी।

आनंद सिंह को मनकापुर की रियासत का सर्व-सर्वा माना जाता है, गोंडा और बलरामपुर जिला के राजनीति में अपना प्रभाव रखते थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में गौरा विधानसभा से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री बनाया गया था। सन 1964 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत किया था।

अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया एक राजनैतिज्ञ हैं। साल 1989 में विधानसभा के चुनाव में करनैलगंज विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में राजनीति में कदम रखकर, अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया 1989, 1993, 1996 और 2017 में विधायक बने।

घनश्याम शुक्ला ये एक राजनैतिज्ञ थे, जो 1991 पहली बार विधायक बने इसके बाद 1993, 2002 में विधायक चुने गए थे। घनश्याम शुक्ला 2002 में "राज्य मंत्री" बनाए गए। घनश्याम शुक्ला की पत्नी नंदिता शुक्ला 2012 में विधायक पद पर रहीं। 


गोंडा जिला का प्राचीन इतिहास

गोंडा के कुछ प्राचीन इतिहास के बारे में बात करें तो गोंडा जिला में प्राचीन समय में कौशल महाजनपद का हिस्सा हुआ करता था, उसके बाद में मुगलों के हाथ 1856 में लगा। उसके बाद अंग्रेजों का शासन आया, अंग्रेजों के हाथ में रहा था। अंग्रेजों के समय में गोंडा जिले में "प्रसिद्ध काकोरी कांड" के "क्रांतिकारी डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद लहरी जी" को ब्रिटिश सरकार द्वारा फांसी दी गई थी। गोंडा से 20 किलोमीटर दूरी पर बाबा बालेश्वर नाथ का एक प्राचीन मंदिर स्थित है। इस मंदिर की मान्यता है कि मुगलों के द्वारा शिव जी के लिंग पर आरा से प्रहार किया गया था और इस प्रहार के बाद भी मंदिर पर कोई फर्क नहीं आया और इस मंदिर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।


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