उन्नाव यह जिला उत्तर प्रदेश राज्य के मध्य भाग में स्थित है। यह जिला लखनऊ मंडल के अंतर्गत आता है। जिले का मुख्यालय उन्नाव शहर में स्थित है। लगभग 1200 साल पहले यह स्थान घने जंगल से घिरा था। 12वीं शताब्दी में गोंढ़ा सिंह नाम के एक राजा चौहान राजपूत ने जंगल को सफा करवा के एक नए शहर की स्थापना की जिसका नाम रखा सवाई। गोंढ़ा सिंह की मृत्यु के पश्चात यह शहर कन्नौज के शासक के नियंत्रण में चला गया था। कन्नौज के शासक ने खड़क सिंह को इस शहर का सूबेदार बनाया।
उन्नाव का नाम कैसे:
बाद में उनवंत सिंह नामक एक सिपाही सैनिक ने खड़क सिंह की हत्या करके इस शहर से एक जिले का निर्माण किया और शहर का नाम बदलकर अपने नाम पर उन्नाव रख दिया था। प्राचीन काल में जिस क्षेत्र में उन्नाव सीमित था, वह कौशल महाजनपद की सीमा थी। बाद में इसे अवध में शामिल किया गया था। यह क्षेत्र प्राचीन काल से बसा हुआ है क्योंकि जिले के कुछ स्थान पर प्राचीन काल के निशान पाए जाते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार उन्नाव गंगा के तट पर परियर नामक स्थान पर बैठकर महर्षि वाल्मीकि जी ने दुनिया के प्रथम महाकाव्य रामायण की रचना की थी।
मान्यता यह भी है, की लौ और कुश ने पिता श्रीराम की चतुरंगिनी सेना को यहीं पर पराजित किया था, और गौतम बुद्ध ने उन्नाव जनपद में बांगरमऊ ब्लॉक के जगत ग्राम में 512 ईसा पूर्व से पहले वर्ष व्यतीत किया। जबकि उन्नाव जनपद के मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूरी पर शारदा नहर के तट पर स्थित प्रियदर्शनी नगर के हिंदू खड़क खेड़ा गांव के बुद्ध विहार में राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अशोक स्तंभ निर्मित है।
उन्नाव को कलम और तलवार के भूमि के रूप में भी जाना जाता है। प्रगतिशील हिंदी लेखक और स्वतंत्रता सेनानियों, शिक्षा, वेद आदि की भूमिका में रहा जिसके उदाहरण क्रमशः सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, चंद्रशेखर आजाद, मौलाना हजरत मोहानी, भगवती चरण वर्मा, शिवमंगल सिंह सुमन, शीला दीक्षित (दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री), विशाल मिश्रा संगीत निर्देशक व गायक और इंडिया टीम के बल्लेबाज व गेंदबाज कुलदीप यादव का नाम प्रमुख है
उन्नाव जिले की कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य:
भौगोलिक रूप से उन्नाव जिला लगभग 123 मीटर की औसत ऊंचाई पर स्थित है। इस जिले का भौगोलिक औसत क्षेत्रफल 4558 वर्ग किलोमीटर है।
जिले की प्रमुख पांच नदियां हैं; गंगा, कल्याणी, खार, लोनी और साई आदि नदियां बहती हैं।
उन्नाव जिला अपनी सीमाएं कई जिलों से साझा करता हैं जिसमें उत्तर में हरदोई, पूर्व में लखनऊ जिला, दक्षिण में और पूर्व रायबरेली, दक्षिण में फतेहपुर, पश्चिम में कानपुर नगर जिले की सीमा से घिरा हुआ है।
उन्नाव जिले की जनसंख्या 3110595, 2011 की जनगणना के अनुसार है।
जनसंख्या घनत्व 680 हर व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर पर है। जिले में साक्षरता दर 68.29% है। और लिंगानुपात 1000 पुरुषों पर 901 महिलाएं प्रति पुरुष पर है।
जिले में तीन नगर पालिका परिषद, 15 नगर पंचायत हैं।
2011 आधिकारिक चरण जनगणना के अनुसार उन्नाव हिंदू बहुल जिला है। जिसमें हिंदू की जनसंख्या 87.89% है, और मुस्लिम की जनसंख्या 11.69% है एवं अन्य धर्म के लोग भी रहते हैं। ईसाई धर्म 0.11%, सिख धर्म 0.04%, बौद्ध 0.03%, जैन 0.01% की आबादी में रहते हैं।
उन्नाव जिले के ब्लॉक की संख्या 16 है; असोहा, औरस, बांगरमऊ, बिधिया, फतेहपुर चौरासी, बीघापुर, गंज मुरादाबाद, हसनगंज, हिलोली, मियागंज, नवाबगंज, पुरवा, सफीपुर, सिकंदरपुर करण, सिकदरपुर सरोली, सुमेरपुर।
उन्नाव जिले में तहसील की संख्या 6 है; बीघापुर, हसनगंज, बांगरमऊ, पुरवा, उन्नाव, सफीपुर।
उन्नाव जिले में 6 विधानसभाए हैं; बांगरमऊ, सफीपुर, मोहान, उन्नाव, भगवंत नगर, पुरवा।
उन्नाव जिले में थाना की संख्या 20 है; अचलगंज, अजगैन, आसीवन, असोहा, औरस, बांगरमऊ, बारसगाव, बिहटा मुंजावर, बीघापुर, बिहार, फतेहपुर, गंगा घाट, हसनगंज, कोतवाली उन्नाव, महिला थाना, माखी, मौरवा, पुरवा, सफीपुर, सोहरामऊ।
उन्नाव जिले की लखनऊ राजधानी से दूरी 60 किलोमीटर है।
उन्नाव जिले के गाड़ी नंबर प्लेट पर UP 35 लिखा मिलेगा।
उन्नाव जिला में मुख्य रूप से बोले जाने वाली भाषा हिंदी, अवधी, पसवंडी और उर्दू है।
उन्नाव जिले की आर्थिक गतिविधियां:
उन्नाव जिले की आर्थिक गतिविधियां मुख्यत कृषि पर आधारित है। चमड़ा के लिए प्रसिद्ध उन्नाव जिला अपने चमड़े उद्योग के लिए चमड़े के समान तथा रजाई, मच्छरदानी उत्पादन के साथ ही छपाई रंग के लिए प्रसिद्ध है। उन्नाव में कई ऐतिहासिक इमारत संरचनाओं वाला एक ऐतिहासिक शहर है, गंगा ट्रक सिटी उन्नाव का एक उप शहर विकसित किया जा रहा है, ताकि उन्नाव को एक प्रमुख औद्योगिक ढांचा के रूप में विकसित किया जा सके।
उन्नाव लोकसभा का इतिहास:
उन्नाव लोकसभा उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा में से एक सीट है। आजादी के बाद इस सीट पर 1952 में चुनाव हुआ था। इस सीट पर पहली बार 1952 में चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस के विशंभर दयाल त्रिपाठी ने जीत दर्ज की थी। इस के बाद कांग्रेस की सीट पर लगातार 1971 तक जीतती रही। छह बार चुनाव लोकसभा का कांग्रेस पार्टी जीती। कांग्रेस के कृष्णदेव त्रिपाठी साल 1962, 1967, 1972 लगातार तीन बार चुनाव जीत कर हैट्रिक अपने नाम किया था। लेकिन 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के राघवेंद्र सिंह ने कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल किया था। हाल ही में साल 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर वापस कर ली थी। साल 1980 के आम चुनाव में कांग्रेस के रहमान अंसारी यहां से जीते थे। वही साल 1989 में कांग्रेस से ये सीट जनता दल के खाते में चली गई और अनवर अहमद सांसद बने। साल 1990 के दशक में राम मंदिर आंदोलन जब अपने तूफान पर था तब भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार इस सीट पर अपना खाता खोला। इसके बाद में भाजपा की देवी बक्श सिंह ने साल 1996, 1998 में जीत हासिल की जबकि 1999 में समाजवादी पार्टी के दीपक कुमार इस सीट से सांसद चुने गए। 2004 के अगले चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के बृजेश पाठक चुनाव जीते। पिछले तीन चुनाव की बात करें तो कांग्रेस ने इस सीट पर जीत दर्ज की। साल 2014 और 2019 के चुनाव में भाजपा की साक्षी महाराज ने अपनी जीत का परचम लहराया और एक दशक से उन्नाव लोकसभा सीट पर भाजपा के साथ कब्जा रहा। उन्नाव लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीट आती हैं। जिसका नाम है मोहान सुरक्षित, उन्नाव, बांगरमऊ, सफीपुर सुरक्षित, भगवंत नगर और पूर्व 2022 के विधानसभा चुनाव चुनाव में सभी 6 सीटों पर भाजपा के विधायक जीते थे और भाजपा का कब्जा है। नज़र डालें तो कुल मतदाता संख्या 2177079 और वहीं पुरुष मतदाता संख्या 1193514,
महिला मतदाता की जनसंख्या 983468 ट्रांसजेंडर 97 मतदाता शामिल है।
उन्नाव जिला के पर्यटन स्थल:
बाल खंडेश्वर मंदिर: यह मंदिर उन्नाव शहर का एक सुंदर मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है। मंदिर उन्नाव शहर के पास में स्थित है। मंदिर में प्राचीन शिवलिंग विराजमान है।
कल्याणी देवी मंदिर: उन्नाव शहर का एक अन्य प्रसिद्ध मंदिर कल्याणी देवी मंदिर है। देवी कल्याणी को समर्पित है। उन्नाव रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर दूरी पर यह मंदिर लोगों की भीड़ की आकर्षित करता है। यह मंदिर उन्नाव के दर्शनीय स्थल में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
शिव मंदिर उन्नाव के दर्शनीय स्थल मंदिर में से एक शिवजी का मंदिर है। जिले में लोग इस मंदिर की महादेव के नाम से जानते। लोग कहते हैं 100 साल पहले निर्मित इस मंदिर के बुनियादी ढांचे में अद्वितीय नक्काशी दार पत्थर मंदिर के दीवारों पर एक सुंदर तरीके से बनाया गया था। यह मंदिर मोती नगर क्षेत्र के पास स्थित है।
चंद्रशेखर आजाद पक्षी विहार: यह पक्षी विहार उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक देखी जाने वाला पक्षी अभ्यारण बन चुका है। यह कानपुर - लखनऊ राजमार्ग के बीच में स्थित है। यह नवाबगंज पक्षी अभ्यारण जो चंद्रशेखर आजाद पक्षी विहार के नाम से भी जाना जाता है।
सिद्धेश्वर महादेव मंदिर: श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर उन्नाव शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर बहुत ही आकर्षित लगता है। यह मंदिर प्राचीन काल से बना है। इस मंदिर के परिसर में और भी देवी देवताओं के बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं।
बदरका हरबंस: यह रायबरेली रोड के 3 किलोमीटर दूरी पर पश्चिम के अचलगंज के पास उन्नाव से करीब 111 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इसकी स्थापना 1643 ईसा पूर्व में शाहजहां की अदालत में एक अधिकारी राजा हरबंस सिंह ने किया था।
कुशहरी देवी मंदिर उन्नाव का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर कुशहरी देवी को समर्पित है। मंदिर में कुशहरी देवी के बहुत सुंदर प्रतिमा के दर्शन मिलते हैं। एक कुंड बना है जो चौकोर आकृति में बना है।
बक्सर धाम: उन्नाव जिले के दक्षिण गांव बक्सर गंगा के बाई किनारे पर स्थित है। कहा जाता है कि यह गांव एक संस्कृत शब्द बक्रराम से लिया गया है। जो एक राक्षस बाका के निवास को दर्शाता है।
दुर्गा मंदिर नवाबगंज: दुर्गा देवी मंदिर उन्नाव जिला का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर उन्नाव के नवाबगंज में स्थित है। यह प्राचीन काल से है। इस मंदिर की स्थापना परशुराम जी के द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर में दुर्गा जी के बहुत भव्य प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलती है।
गायत्री शक्तिपीठ उन्नाव: शहर का एक धार्मिक स्थान है। यह मंदिर गायत्री माता को समर्पित है। इस मंदिर में गायत्री माता की बहुत ही मनभावक प्रतिमा के दर्शन करने को मिलती है। यहां शंकर जी का दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर उन्नाव शहर के शुक्लागंज बालघाट के पास स्थित है।
मां चंडिका देवी मंदिर: उन्नाव शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है यह मंदिर उन्नाव शहर के बक्सर में स्थित है। इस मंदिर को बक्सर धाम के नाम से भी जाना जाता है। यह एक सिद्ध पीठ मंदिर है। इस मंदिर में मां चंडिका एवं मां अंबे दोनों की मूर्ति देखने के लिए मिलती है दोनों ही मूर्ति धातु की बनी हुई है।
निराला पार्क: यह पार्क उन्नाव जिला का प्रमुख पार्क है। इस पार्क में लोग सुबह से शाम तक घूमने आते हैं। इसके अलावा यहां बच्चों के लिए झूला भी मौजूद है। यह पार्क निशुल्क है। इस पार्क की दूरी उन्नाव रेलवे स्टेशन से लगभग 5 किलोमीटर है।
गंगा घाट शुक्लागंज: उन्नाव शहर से करीब 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। शुक्लागंज गंगा घाट एक प्रसिद्ध घाट है। जहां पर कार्तिक के समय में दूर-दूर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। कार्तिक के समय पर यहां पर एक बड़े मेले का आयोजन होता है।
उन्नाव की प्रसिद्ध हस्तियां:
चंद्रशेखर आजाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे। वह शहीद रामप्रसाद बिस्मिल सहित भगत सिंह के जैसे क्रांतिकारी थे। जो अनन्यतम साथी में से एक थे। चंद्रशेखर आजाद का असली नाम चंद्रशेखर तिवारी था। जिसने सभी क्रांतियों को मिलाकर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन संगठन का गठन किया। देशभक्त चंद्रशेखर आजाद का जन्म भाबरा गाँव (अब चन्द्रशेखर आजादनगर) (वर्तमान अलीराजपुर जिला) में एक ब्राह्मण परिवार में 23 जुलाई सन् 1906 को हुआ था। उनके पूर्वज ग्राम बदरका वर्तमान उन्नाव जिला (बैसवारा) से थे।
सूर्यकांत त्रिपाठी: सूर्यकांत त्रिपाठी अपनी शानदार कविताओं के लिए दिल जीत लेते थे। सूर्यकांत त्रिपाठी जी हिंदी साहित्य के एक बहुत ही महत्वपूर्ण कवि, लेखक, उपन्यासकार, कहानीकार, निबंध लेखक और संपादक थे। उनका जन्म पश्चिम बंगाल के मदनपुर में हुआ था। मगर वह मूल्य रूप से उन्नाव जिला के गढ़कोल गांव के निवासी थे।
द्वारिका प्रसाद मिश्रा: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री थे। साथ ही भारत के स्वतंत्रता सेनानी पत्रकार और साहित्यकार भी थे। पंडित द्वारिका प्रसाद मिश्रा जी का जन्म उन्नाव जिले के पडरी में हुआ था। वह सागर विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे। इन्होंने महाकाव्य "कृष्णायन" की रचना की थी।
उमाशंकर दीक्षित एक भारतीय राजनीतज्ञ थे। जो पश्चिम बंगाल और कर्नाटक के राज्यपाल होने के साथ-साथ कैबिनेट मंत्री भी रहे। 12 जनवरी 1901 को उन्नाव जिले के फतेहपुर चौरासी ब्लॉक में उनका जन्म हुआ था। 1989 में उनको पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
कुलदीप यादव: एक भारतीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं। जो डोमेस्टिक क्रिकेट उत्तर प्रदेश टीम में खेलते हैं। कुलदीप यादव भारत के अंडर 19 विश्व कप में खेले। वह IPL में KKR टीम से खेलते हैं। कुलदीप यादव का जन्म उन्नाव जिले में हुआ था। बाद में क्रिकेट में अपना करियर बनाने के लिए कानपुर चले गए थे।
हृदय नारायण दीक्षित एक राजनीतिज्ञ थे। जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर और उन्नाव जिले के भगवंत नगर से पांच बार विधायक चुने गए। वह एक लेखक, समाचार पत्र और पत्रिकाओं के प्रकाशन कार्य और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। हृदय नारायण दीक्षित उन्नाव जिला के पूर्व तहसील के अलावा गांव के रहने वाले थे।
हजरत मोहनी एक साहित्यकार, स्वतंत्रता सेनानी, सहायक पत्रकार भी थे। 1 जनवरी 1975 को उन्नाव जिले में उनका जन्म हुआ था।
गुलाब सिंह लोधी भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। जिन्होंने अपने प्रतिष्ठा की बाजी भारत को आजादी दिलाने के लिए लगा दी थी। वह उन्नाव जिले के चंद्रिका खेड़ा गांव के निवासी थे।
भगवत चरण वर्मा हिंदी साहित्यकार थे। उनका जन्म 30 अगस्त 1903 को उन्नाव जिले सखपुर गांव में हुआ था। उनके लोकप्रिय उपन्यास चित्र लेखन पर दो फिल्म भी बनी हुई है। वह फूल विक्रेता चित्र पर साहित्यकार पुरस्कार और पद्म भूषण से सम्मानित किए गए थे।
शिवमंगल सिंह सुमन हिंदी के प्रसिद्ध कवि थे। इसके अलावा वह विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति और नेपाल में भारतीय दूतावास में भी रहे। उन्नाव जिले के भागलपुर में इनका जन्म हुआ था। शिवमंगल सिंह सुमन को साहित्य अकादमी ने पद्म भूषण, पद श्री भारत, समेत गई पुरस्कार से सम्मानित किया।
रामविलास शर्मा आधुनिक हिंदी साहित्य के सुप्रसिद्ध आलोचक निबंधकार कवि थे। उन्नाव जिले में इनका जन्म हुआ था। ये भारतीय साहित्य अकादमी जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किए गए थे।